
मेहनत असंभव को भी संभव बनाती है :
दरअसल आपको बता दूं कि एक कहावत है कि मेहनत असंभव को भी संभव बनाती है कुछ इसी तरह का है एक खबर सामने आई है आपको बता दूं कि एक गरीब महिला खेती करके आज करोड़ों रुपए की मालकिन ही बन गई है हालांकि आप यह खबर सुनकर आश्चर्यचकित होंगे लेकिन यह एक सच्ची खबर है जो जिंदगी को मेहनत करना सिखाती है।
दरअसल आपको बता दूं कि मुजफ्फरपुर जिले के आनंदपुर गांव अचार वाली किसान चाचरी की वजह से सभी के जुबान पर आ गई है आपको बता दूं कि यह बुजुर्ग महिला एक सौ रुपए से अचार बनाकर बेचा करती थी आज ऐसा समय आ गया कि 1 साल में एक करोड़ रुपए तक हासिल कर लेते हैं।
आपको बता दूं कि यह बुजुर्ग महिला अपने संगठन में सैकड़ों महिलाओं और बुजुर्गों के साथ मिलकर हुए अपना व्यापार अब देश और विदेश तक बढ़ा चुकी है जिससे इनको भी काफी फायदा होता है और इनके साथ काम करने वाले को भी काफी फायदा होता है।
आर्थिक तंगी ने खेती करने के लिए किया मजबूर :
दरअसल आपको बता दूं कि मुजफ्फरपुर जिले के आनंदपुर गांव की रहने वाली राजकुमारी एक गरीब परिवार से बिलॉन्ग करती थी आपको बता दूं कि गरीबी इतनी बड़ी समस्या बन गई की राजकुमारी देवी को खेती करने के लिए सूचना पर आ जब इन्होंने खेती आराम की तो सबसे पहले इन्होंने खैनी इनकी तंबाकू की खेती प्रारंभ की, जब इसे इस खेती में कुछ मुनाफा हुआ तो उन्होंने फिर से पपीता की खेती करने लगी आपको बता दूं कि इनको खेती करने के लिए पास के ही एक डॉक्टर ने राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा से बीज ला दिया करते थे।
आपको बता दूं कि एक मीडिया रिपोर्ट में राजकुमारी देवी ने बताया कि 1990 ईस्वी में पपीता ₹5 किलो के भाव से बिक जाता था इसको देखकर मैंने करीब 1 बीघा जमीन पर पपीता की खेती करना शुरू किया एक पेड़ से तकरीबन 70 से 80 किलो पपीता निकल जाता था और काफी अच्छी खासी कमाई होने लगी, इसके बाद इन्होंने सब्जियां की खेती भी करने लगे और काफी अच्छा खासा कमाई इसमें भी होने लगा।
बुजुर्ग महिलाओं ने बताई यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिक के कार्यक्रम चल रहे थे तो उसमें हम हमेशा जाया करती थी जिससे खेती करने में हमारी सूझबूझ काफी बढ़ गई, जिससे हमें कृषि मेला में खेती की प्रदर्शनी में शामिल होने का मौका मिला जहां पर उन्हें बेहतरीन सब्जियां उगाने के लिए अवार्ड भी मिलने लगे आपको बता दूं कि इन महिलाओं को कृषि क्षेत्र में विशेष योगदान के चलते पदम श्री अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।
कंपनियों के साथ की है एग्रीमेंट :
दरअसल आपको बता दूं कि यह बुजुर्ग महिलाएं अभी दो कंपनियों के साथ एग्रीमेंट भी है एक खादी ग्राम उद्योग विभाग और दूसरा बिहार सरकार के बिस्कोमान से है आपको बता दूं कि या महिला प्रत्येक महीने 5 से ₹10 लाख की कमाई हो जाती है उन्होंने बताया कि आज भी हम हाथ से ही अचार बनाया करती हूं और मैं मौजूदा समय में इस तरह के अचार को बनाया करती हूं।