
बिहार उपचुनाव 2022 :
दरअसल आपको बता दूं कि हाल ही में बिहार के 2 सीटों पर उपचुनाव होने वाली है ऐसे में अभी बिहार में बीजेपी और महागठबंधन के बीच शानदार मुकाबला होने वाला है। ऐसे में अब यह देखना होगा कि आखिर इस उप चुनाव में किसका पलड़ा भारी होता है इस उपचुनाव से भविष्य का बहुत कुछ देखने वाला है क्योंकि वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव भी होने वाली है।
साधु यादव ने आरजेडी की बढ़ाई मुश्किल:
दरअसल आपको बता दूं कि मोकामा सीट पर और गोपालगंज सीट पर बिहार में उपचुनाव होने वाली है ऐसे में बिहार में अभी महागठबंधन काफी मजबूत दिख रही है लेकिन महागठबंधन के लिए एक समस्या सामने आ रही है वह साधु यादव गोपालगंज सीट पर पूर्व सांसद साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव ने अपना नॉमिनेशन बसपा श्री किया है जिससे आरजेडी की मुश्किलें बढ़ जाएगी।
आपको बता दूं कि गोपालगंज सीट पर भाजपा के विधायक सुभाष सिंह के निधन हो जाने के बाद यह सीट खाली हुई थी इस सीट पर दिवंगत सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी का खड़ी होगी वहीं आरजेडी की तरफ से मोहन गुप्ता को प्रत्याशी बनाया गया था लेकिन इसी बीच मामला यहां फसने लगा है कि जब से इंदिरा यादव भी मैदान में आ गई है इसलिए यहां मुकाबला त्रिकोणीय होने वाली है।
वर्ष 2020 की बात करो तो बिहार विधानसभा चुनाव की तो भाजपा के प्रत्याशी सुभाष सिंह को 77701 अन्य वोट मिले थे और बीएसपी के साधु यादव को 41039 वोट मिले थे और कांग्रेस की प्रत्याशी गफूर को 36460 वोट मिले थे। ऐसे में यहां पर साधु यादव का दबदबा भी देखने को मिल रहा है।
आपको बता दूं कि भले ही बिहार में अभी महागठबंधन की स्थिति अच्छी दिख रही है लेकिन साधु यादव की पत्नी को चुनाव में उतरने से आरजेडी की स्थिति में परिवर्तन देखने को मिल सकता है वहीं पर भाजपा प्रत्याशी कुसुम देवी को सहानुभूति वोट मिलने का भी अनुमान लगाया जा रहा है।